कर्तव्य
१. भिन्न भिन्न जातियों में कर्तव्य की धारणा भिन्न होती [...]
१. भिन्न भिन्न जातियों में कर्तव्य की धारणा भिन्न होती [...]
१. मनुष्य मूर्खतावश सोचता है कि वह अपने को सुखी बना सकत [...]
१. सब प्रकार के शरीरों में मानव-शरीर ही श्रेष्ठतम है; म [...]
डर का सामना एक बार बनारस में स्वामी जी दुर्गा जी के मंद [...]
संसार में दुःख का मुख्य कारण भय ही है, यही सब से बड़ा भ् [...]