विश्वास
१. मैं यह कर सकता हूँ, यह नहीं कर सकता, ये सब भी कुसंस् [...]
१. मैं यह कर सकता हूँ, यह नहीं कर सकता, ये सब भी कुसंस् [...]
१. इस शक्ति की प्राप्ति तो एक आत्मा एक दूसरी आत्मा से ह [...]
१. साधारण गुरुओं से श्रेष्ठ एक और श्रेणी के गुरु होते ह [...]
१. हिन्दू शब्दों और सिद्धान्तों के जाल में जीना नहीं चा [...]
१. मन आसानी से नहीं जीता जा सकता। हलकी से हलकी उत्तेजना [...]
१. वेदान्त प्रतिपाद्य ब्रह्म इस शर्त को पूर्ण करता है, [...]
१. प्रत्येक के भीतर अवस्थित सत्य तो वही एकमात्र, अनन्त, [...]
१. हिन्दू जब कहते हैं कि ‘संसार माया है’, तो साधारण मनु [...]
१. तुम स्वभावतः मुक्त हो, तुम स्वभावतः शुद्धस्वभाव हो। [...]
१. जड़वादी कहता है कि मुक्ति की वाणी एक भ्रम है। विज्ञान [...]