संन्यास या संन्यस्त जीवन
१. मनुष्य जिस स्थिती में पैदा हुआ है, उसके कर्तव्य जब व [...]
१. मनुष्य जिस स्थिती में पैदा हुआ है, उसके कर्तव्य जब व [...]
१. गृहस्थ को ब्रह्मनिष्ठ होना चाहिए तथा ब्रह्मज्ञान का [...]
१. यह एक बड़ा सत्य है कि बल ही जीवन है और दुर्बलता ही मर [...]
१. शरीर, मन और वचन के द्वारा कभी किसी प्राणी की हिंसा न [...]
१. साधना की पहली अवस्था में, भोजन के सम्बन्ध में विशेष [...]
१. मान लो, मन किसी एक विषय को सोचने का प्रयत्न कर रहा ह [...]
१. मन की शक्तियों को एकाग्र करने के सिवा अन्य किस तरह स [...]
१. सर्वश्रेष्ठ महापुरुष शान्त, निर्वाक और अज्ञात होते ह [...]
१. ईश्वर नित्य, निराकार, सर्वव्यापी है। उसे विशेष रूपधा [...]
१. सच्चे और निष्कपट भाव से ईश्वर की खोज को भक्तियोग कहत [...]